mohanjeet kukreja

A motivational piece from.... 

Abhivyakti...Ek Kavya Sankalan - "हिम्मत-अफ़्ज़ाई !"


इन से कब कुछ हुआ है… आँसुओं को तो थाम लो

नाकामियों की छोड़ फ़िक़्र, सिर्फ़ हौसले से काम लो !


तक़दीर कोई दुश्मन नहीं कि हमेशा रहेगी ख़िलाफ़

 ख़फ़ा सही, माशूक़ ही है, वही दर्जा, वही मक़ाम दो !

         

थक गए हो अगर चलके, दम लो, थोड़ा रुक जाओ

ख़ुद को एक जाम... और क़दमों को ज़रा आराम दो !


कोशिशें मुसलसल हैँ अगर, ख़्वाब अधूरे रहेंगे क्यों ?

मंज़िल चलके क़रीब आएगी, तुम अगरचे ठान लो !


हमराह अगर मिले कोई, दुःख-सुख बांटो, साथ चलो

वगरना अपने इस सफ़र को... ख़ुद-ब-ख़ुद अंजाम दो !


हिम्मत-अफ़्ज़ाई: हौसला बढ़ाना; मुसलसल: लगातार; वगरना: वर्ना  

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